फ़ॉलोअर

शुक्रवार, 21 अक्तूबर 2011

ek sher

एक शेर 
________________

इन्तहा ज़ुल्म की जब होगी 'शेफ़ा' दुनिया में 
देगा इंसाफ़ मेरे रब की अदालत का निज़ाम