seraat-e- mustaqeem صراط مستقیم (religious poetries- salaam ,qat'at etc.)
इल्म हासिल करना हर मर्द और औरत पर फ़र्ज़ है
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गुरुवार, 19 नवंबर 2009
एक कता
एक कता
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जो मुझ को कुवते गोयाई तू ने की है अता
तो जुर अतेंभी अता कर कि सच को सच कह पाऊं
मैं इस गुनाह की बस्ती से चंद कम कर लूँ
जो राहे मीसमे तम्मार पे क़दम रख पाऊं
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