इबादत
------------------
माह ए रमज़ान के मुक़द्दस मौक़े पर एक क़ता हाज़िरे ख़िदमत है
ये चार दिन जो ख़ुदा ने अता किये हैं यहां
इबादतों में गुज़ारो यही है राह ए अमां
ये भूल जाओ कि कुछ नागवार गुज़रा था
ख़ुलूस का ये समंदर भला मिलेगा कहां
--------------------------------------------------------------
रमजान कि शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंएक अच्छी पोस्ट लिखी है आपने ,शुभकामनाएँ और आभार
जवाब देंहटाएंआदरणीय
हिन्दी ब्लाँगजगत का चिट्ठा संकलक चिट्ठाप्रहरी अब शुरु कर दिया गया है । अपना ब्लाँग इसमे जोङकर हिन्दी ब्लाँगिँग को उंचाईयोँ पर ले जायेँ
यहा एक बार चटका लगाएँ
आप का एक छोटा सा प्रयास आपको एक सच्चा प्रहरी बनायेगा
।
Bahut sundar! Ramzaan mubarak ho!
जवाब देंहटाएंDeshki azaadi ke parv pe dheron shubhkamnayen!
बहुत अच्छा और नसीहत भरा क़ता है...
जवाब देंहटाएंरमज़ान की मुबारकबाद.
मुबारक रमज़ान की हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंपाकीज़गी से लबरेज़ कअता पढवाने के लिये शुक्रिया
ये भूल जाओ कि कुछ नागवार गुज़रा था
जवाब देंहटाएंख़ुलूस का ये समंदर भला मिलेगा कहां
good!!!!!!!
ramjaan mubaarak...
आप सब को भी रमज़ान शरीफ़ मुबारक हो
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया
ramzaan mubaarak ho...
जवाब देंहटाएंmaaf kijiyega khuloos ka matlab mujhe nahi pataa...
bahut hi khoob likha hai aapne.
जवाब देंहटाएंMeri Nayi Kavita par aapke Comments ka intzar rahega.....
A Silent Silence : Ye Kya Hua...
Banned Area News : Blair O Neal
bahut sundar, pyaar ke is saamandar kee ore bahut kam logon kee najaren jaatee hain.
जवाब देंहटाएंyes ...unik defination for love
जवाब देंहटाएंthank's
AAPKO RAMJAAN KI MUBARAKBAAD , AAPNE ITNI ACCHI TARAH SE BAAT KI HAI ,KI EK RUHANI JUNOON CHA GAYA PADHKAR AAPKO .. MERA SALAAM KABUL KARE..
जवाब देंहटाएंVIJAY
आपसे निवेदन है की आप मेरी नयी कविता " मोरे सजनवा" जरुर पढ़े और अपनी अमूल्य राय देवे...
http://poemsofvijay.blogspot.com/2010/08/blog-post_21.html
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंbahut sundar.....
जवाब देंहटाएंA Silent Silence : Mout humse maang rahi zindgi..(मौत हमसे मांग रही जिंदगी..)
Banned Area News : L'Oreal launches QuadPro eye shadow
bahut sunder prarthna ka bhav.........
जवाब देंहटाएंhridya me rakhne layak hai ye jazba .der ho gayi waise karan maloom hoga .
जवाब देंहटाएंकाश लोग जो कहते हैं वोह करते भी तो आज कितना सुकून होता ज़िंदगी मैं..
जवाब देंहटाएंbahut hi sundar rachna
जवाब देंहटाएंabhar
अज आप मेरे ब्लाग पर आयीं मै धन्य हो उठी। बहुत बहुत शुभकामनाये।
जवाब देंहटाएंआपकी गज़ल या किसी भी रचना पर कुछ कहने जितना कद नही फिर भी गुस्ताखी कर देती हूँ---
ये भूल जाओ कि कुछ नागवार गुज़रा था
ख़ुलूस का ये समंदर भला मिलेगा कहां
लाजवाब ।
वाह वाह .. बहुत खूबसूरत लिखा है..
जवाब देंहटाएंआदरणीय इस्मत जी
जवाब देंहटाएंबहुत खूब,बहुत सुन्दर.आज पहली बार आपके ब्लॉग पर आयी .पर देर आयी दुरुस्त आयी .
Ismat jee bahut Khoobsurat salah hai ramjan ke mah men ye aapki.
जवाब देंहटाएंये भूल जाओ कि कुछ नागवार गुज़रा था
ख़ुलूस का ये समंदर भला मिलेगा कहां
Kash hum bhool jayen nagwar baton ko.
लाज़वाब..!!
जवाब देंहटाएं