मेरे उस्ताद ए मोहतरम और भाई जनाब क़मरुल हसन ज़ैदी साहब ने मुझे ये रदीफ़ अता किया तो मैं ने हिम्मत कर डाली कुछ कहने की ,,मालूम नहीं ये हिम्मत कहाँ तक कामयाब है
...........न हुआ, न है , न होगा
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कभी मुस्तफ़ा (स.अ.) सा तक़वा ,न हुआ, न है, न होगा
कोई अह्ल ए बैत (अ.स.) जैसा , न हुआ, न है, न होगा
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है मेरा हुसैन(अ.स.) मुझ से ,मैं हुसैन(अ.स.) से हूँ लोगो
ये यक़ीन और ये दावा , न हुआ , न है, न होगा
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तेरे इस जहाँ में मालिक मिले अनगिनत सहीफ़े
प किताब ए हक़ सा इजरा न हुआ, न है,न होगा
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यही हर क़दम पे साबित हुआ दश्त ए कर्बला में
कि हुसैन(अ.स.) जैसा आक़ा , न हुआ, न है, न होगा
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ज़ह ए मनज़िलत कि चूमे थे क़दम जरी के उस ने
कि फ़ुरात जैसा दरिया , न हुआ, न है, न होगा
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तेरी रहमतों से दामन है भरा हुआ ’शेफ़ा’ का
अदा तेरा शुक्र मौला , न हुआ, न है, न होगा
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तक़वा = परहेज़गारी , पवित्रता ; सहीफ़े = किताबें ;
Ye kaisee adamy shraddha hai! Bahut khoob!
जवाब देंहटाएंMere blog pe bhee kabhee padharen....khushee hogee!
जवाब देंहटाएंGantantr Diwas mubarak ho!
जवाब देंहटाएंतेरे इस जहाँ में मालिक मिले अनगिनत सहीफ़े
जवाब देंहटाएंप किताब ए हक़ सा इजरा न हुआ, न है,न होगा
इतने मुश्किल रदीफ़ पर कुछ कह पाना ही बड़ा कठिन था, लेकिन तुमने वो कमाल कर दिखाया. अस्ल में भाईजान जानते थे कि तुम इस रदीफ़ के साथ न्याय कर पाओगी, तुमने किया.
तेरी रहमतों से दामन है भरा हुआ ’शेफ़ा’ का
अदा तेरा शुक्र मौला , न हुआ, न है, न होगा
क्या कहूं?? बहुत खूब.
umda prastuti,
जवाब देंहटाएंvah bahut khoob jaidi ji ...mere blog pr ane ki takkluf kren motarma.
जवाब देंहटाएंभङुत खूब ।पोस्ट अच्छा लगा । मेरे पोस्ट पर पधारें ।
जवाब देंहटाएंबहुत बेहतरीन....
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।
तेरी रहमतों से दामन है भरा हुआ ’शेफ़ा’ का
जवाब देंहटाएंअदा तेरा शुक्र मौला , न हुआ, न है, न होगा
bahut hi badhiya
बहुत खूब, बधाई.
हटाएंमेरे ब्लॉग meri kavitayen पर आपका हार्दिक स्वागत है, कृपया पधारें.
SUBHAN ALLAH, BAHUT HI DIL AZIZ NAAT-E-PAK HAI. NAAT KA HR SHER UMDA HAI..
जवाब देंहटाएंयही हर क़दम पे साबित हुआ दश्त ए कर्बला में
कि हुसैन(अ.स.) जैसा आक़ा , न हुआ, न है, न होगा
SUBHAN ALLAH.
कि हुसैन(अ.स.) जैसा आक़ा , न हुआ, न है, न होगा--- वाह बहुत सही कहा मुझे तो लगता है आप जैसा शायर होना भी मुश्किल है । उर्दू मे गज़ल का सौन्दर्य और निखर आता है। बहुत बहुत बधाई ।
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत रदीफ़ है
जवाब देंहटाएंरचना भी बेहतरीन है
मैं कोशिश करूँगा इस रदीफ़ को निभाने की