माह ए रबीउल अव्वल के मुबारक मौक़े पर एक नात पेश ए ख़िदमत है
नात
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तस्लीम भी करेगी क़यादत रसूल (स.अ.) की
दुनिया समझ चुकी है ज़रूरत रसूल (स.अ.) की
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किरदार ऐसा था कि ज़माने के रू ब रू
शफ़्फ़ाफ़ आईने सी थी अज़मत रसूल (स.अ.) की
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आलिम वही है शख़्स कि जो बा अमल रहे
तालीम दे गई हमें फ़ितरत रसूल (स.अ.) की
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मेराज जब हुई तो ज़माना समझ गया
किस दर्जा है बलंद इबादत रसूल(स.अ.) की
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अल्लाह के नबी का वो एख़लाक़ था ’शेफ़ा’
है आज भी दिलों पे हुकूमत रसूल (स.अ.) की
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अल्लाह के नबी का वो एख़लाक़ था ’शेफ़ा’
जवाब देंहटाएंहै आज भी दिलों पे हुकूमत रसूल (स.अ.) की
बहुत सुन्दर नात. आभार.
किरदार ऐसा था कि ज़माने के रू ब रू
जवाब देंहटाएंशफ़्फ़ाफ़ आईने सी थी अज़मत रसूल (स.अ.) की
बेशक...
बहुत ही खूबसूरत नात है इस्मत साहिबा.
तस्लीम भी करेगी क़यादत रसूल (स.अ.) की
जवाब देंहटाएंदुनिया समझ चुकी है ज़रूरत रसूल (स.अ.) की
बहुत सुंदर, धन्यवाद
Kahtee hain jab bhee kya gazab kahati hain aap!
जवाब देंहटाएंअल्लाह के नबी का वो एख़लाक़ था ’शेफ़ा’
जवाब देंहटाएंहै आज भी दिलों पे हुकूमत रसूल (स.अ.) की
बहुत ही खूबसूरत
इस्मत जी नात क्या होती है इसके बारे मे कुछ तफ्सील से बतायें। नात बहुत अच्छी लगी। धन्यवाद।
आलिम वही है शख़्स कि जो बा अमल रहे
जवाब देंहटाएंतालीम दे गई हमें फ़ितरत रसूल (स.अ.) की
बहुत ही खूबसूरत नात ...
पढ़ते ही सर अक़ीदत से झुक गया
रसूले पाक की शान में पेश इस नात का हर शेर दिल में उतर गया !
जवाब देंहटाएंकिरदार ऐसा था कि ज़माने के रू ब रू
शफ़्फ़ाफ़ आईने सी थी अज़मत रसूल (स.अ.) की
बहुत बहुत शुक्रिया इस्मत जी !
" आलिम वही है शख़्स कि जो बा अमल रहे
जवाब देंहटाएंतालीम दे गई हमें फ़ितरत रसूल (स.अ.) की "
क्या बात है !!
सरलता से कहा गया यह शेर सीधे दिल में जगह बनाने में कामयाब है !!शुभकामनायें !!
vandana tumhara yahan ana mujhe hamesha hi bahut achchha lagta hai
जवाब देंहटाएं@shahid sahab ap ko pasand aya bahut bahut shukriya
@raj ji shukriya ap ka ana award hai mere liye
kshama ji bahut bahut shukriya ap ki tippanee meri hausala afzai karti hai
@nirmala ji bahut bahut dhanyavad bas aasheervaad banae rakhiye
@daanish sahab ap ko pahli bar yahan dekh kar khushi hui
@gyanchand ji aur
@sateesh ji bahut bahut shukriya
आलिम वही है शख़्स कि जो बा अमल रहे
जवाब देंहटाएंतालीम दे गई हमें फ़ितरत रसूल (स.अ.) की.
बहुत ही सुंदर. हर शेर लाजवाब है. फिर खुदा की इबादत है अच्छा होना ही था. बधाईयाँ.
rachna jee ,bahut bahut shukriya
जवाब देंहटाएंकिरदार ऐसा था कि ज़माने के रू ब रू
जवाब देंहटाएंशफ़्फ़ाफ़ आईने सी थी अज़मत रसूल (स.अ.) की
lafzon ko khoobsoorati se piroya hai aapne
Badiya parstuti.. bahut achhe sher..
जवाब देंहटाएंShukirya..
jitni tarif karoon kam hai .sundar
जवाब देंहटाएंअल्लाह के नबी का वो एख़लाक़ था ’शेफ़ा’
जवाब देंहटाएंहै आज भी दिलों पे हुकूमत रसूल (स.अ.) की
SUBHAN ALLAH BEHTARIN NAAT-E-PAK.