"राह ए हक़"
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ज़ह्न ओ दिल में गर बसा लें मुस्तफ़ा का रास्ता
ख़ुद ब ख़ुद आए नज़र मुश्किल कुशा का रास्ता
इस तरह शब्बीर के किरदार का क़ाएल हुआ
आख़ेरश हुर छोड़ आया अश्क़िया का रास्ता
बेज़बां नन्हा सा फ़िदिया,, नौ’ए इन्सां ख़ुद चुने
असग़र ए(अ.स.) ग़ुंचा दहन या हुर्मुला का रास्ता
कर के क़ब्ज़ा नह्र पर तिश्ना वो जब वापस हुआ
आ गया ताज़ीम को बढ़ कर वफ़ा का रास्ता
फूट कर पाओं के छाले रो दिये मज़लूम पर
बेकसी पे ज़ुल्म की इस इंतहा का रास्ता
इक जेहाद ए कर्बला है ,इक जेहाद ए शाम है
ये रह ए अब्बास (अ.स.) ,वो ज़ैनुलएबा (अ.स.) का रास्ता
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ज़ह्न ओ दिल में गर बसा लें मुस्तफ़ा का रास्ता
जवाब देंहटाएंख़ुद ब ख़ुद आए नज़र मुश्किल कुशा का रास्ता
बेशक...
और अम्नो-अमान की राह खुल जाएं
फूट कर पाओं के छाले रो दिये मज़लूम पर
बेकसी पे ज़ुल्म की इस इंतहा का रास्ता
इस्मत साहिबा, माशा अल्लाह बहुत अच्छा कलाम है आपका...मुबारकबाद.
Gantantr Diwas bahut,bahut mubarak ho!
जवाब देंहटाएंज़ह्न ओ दिल में गर बसा लें मुस्तफ़ा का रास्ता
जवाब देंहटाएंख़ुद ब ख़ुद आए नज़र मुश्किल कुशा का रास्ता
इतने सुन्दर कलाम को सलाम.
फूट कर पाओं के छाले रो दिये मज़लूम पर
जवाब देंहटाएंबेकसी पे ज़ुल्म की इस इंतहा का रास्ता\इस्मत जी इस बार उर्दू के शब्द बहुत मुश्किल हैं\ अगर इनके अर्थ भी साथ दे दिया करें त्प पढने मे आसानी तो होगी ही हम जैसे भी कुछ नये शब्द सीख जायेंगे। आपको गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें।
achhaaa likhti hain, kehne ki zarooorat to nahi magar phir bhi...bahut khoob
जवाब देंहटाएंइस तरह शब्बीर के किरदार का क़ाएल हुआ
जवाब देंहटाएंआख़ेरश हुर छोड़ आया अश्क़िया का रास्ता
...बहुत खूबसूरत कलाम ... इसी बहाने हम भी आपके कलाम पढ़ कुछ उर्दू सीख समझ सकेंगें.. धन्यवाद
masa allah keya khoob likha hai
जवाब देंहटाएंNice post.
जवाब देंहटाएंयदि आप 'प्यारी मां' ब्लॉग के लेखिका मंडल की सम्मानित सदस्य बनना चाहती हैं तो कृपया अपनी ईमेल आई डी भेज दीजिये और फिर निमंत्रण को स्वीकार करके लिखना शुरू करें.
यह एक अभियान है मां के गौरव की रक्षा का .
मां बचाओ , मानवता बचाओ .
http://pyarimaan.blogspot.com/2011/02/blog-post_03.html
बेहतरीन............
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