फ़ॉलोअर

मंगलवार, 24 जनवरी 2012

........न हुआ, न है, न होगा

मेरे उस्ताद ए मोहतरम और भाई जनाब क़मरुल हसन ज़ैदी साहब ने मुझे ये रदीफ़ अता किया तो मैं ने हिम्मत कर डाली कुछ कहने की ,,मालूम नहीं ये हिम्मत कहाँ तक कामयाब है 

...........न हुआ, न है , न होगा
***********************

कभी मुस्तफ़ा (स.अ.) सा तक़वा ,न हुआ, न है, न होगा
कोई अह्ल ए बैत (अ.स.) जैसा , न हुआ, न है, न होगा
**********
है मेरा हुसैन(अ.स.) मुझ से ,मैं हुसैन(अ.स.) से हूँ लोगो
ये यक़ीन और ये दावा , न हुआ , न है, न होगा
**********
तेरे इस जहाँ में मालिक मिले अनगिनत सहीफ़े
प किताब ए हक़ सा इजरा न हुआ, न है,न होगा
***********
यही हर क़दम पे साबित हुआ दश्त ए कर्बला में 
कि हुसैन(अ.स.) जैसा आक़ा , न हुआ, न है, न होगा
************
ज़ह ए मनज़िलत कि चूमे थे क़दम जरी के उस ने 
कि फ़ुरात जैसा दरिया , न हुआ, न है, न होगा
************
तेरी रहमतों से दामन है भरा हुआ ’शेफ़ा’ का
अदा तेरा शुक्र मौला , न हुआ, न है, न होगा
*******************************************************
तक़वा = परहेज़गारी , पवित्रता ; सहीफ़े = किताबें ; 

14 टिप्‍पणियां:

  1. तेरे इस जहाँ में मालिक मिले अनगिनत सहीफ़े
    प किताब ए हक़ सा इजरा न हुआ, न है,न होगा
    इतने मुश्किल रदीफ़ पर कुछ कह पाना ही बड़ा कठिन था, लेकिन तुमने वो कमाल कर दिखाया. अस्ल में भाईजान जानते थे कि तुम इस रदीफ़ के साथ न्याय कर पाओगी, तुमने किया.
    तेरी रहमतों से दामन है भरा हुआ ’शेफ़ा’ का
    अदा तेरा शुक्र मौला , न हुआ, न है, न होगा
    क्या कहूं?? बहुत खूब.

    जवाब देंहटाएं
  2. भङुत खूब ।पोस्ट अच्छा लगा । मेरे पोस्ट पर पधारें ।

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत बेहतरीन....
    मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।

    जवाब देंहटाएं
  4. तेरी रहमतों से दामन है भरा हुआ ’शेफ़ा’ का
    अदा तेरा शुक्र मौला , न हुआ, न है, न होगा
    bahut hi badhiya

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. बहुत खूब, बधाई.

      मेरे ब्लॉग meri kavitayen पर आपका हार्दिक स्वागत है, कृपया पधारें.

      हटाएं
  5. SUBHAN ALLAH, BAHUT HI DIL AZIZ NAAT-E-PAK HAI. NAAT KA HR SHER UMDA HAI..
    यही हर क़दम पे साबित हुआ दश्त ए कर्बला में
    कि हुसैन(अ.स.) जैसा आक़ा , न हुआ, न है, न होगा
    SUBHAN ALLAH.

    जवाब देंहटाएं
  6. कि हुसैन(अ.स.) जैसा आक़ा , न हुआ, न है, न होगा--- वाह बहुत सही कहा मुझे तो लगता है आप जैसा शायर होना भी मुश्किल है । उर्दू मे गज़ल का सौन्दर्य और निखर आता है। बहुत बहुत बधाई ।

    जवाब देंहटाएं
  7. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  8. बहुत खूबसूरत रदीफ़ है

    रचना भी बेहतरीन है

    मैं कोशिश करूँगा इस रदीफ़ को निभाने की

    जवाब देंहटाएं