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गुरुवार, 9 दिसंबर 2010

मुहर्रम के सिलसिले से चंद अश’आर पेश ए ख़िदमत हैं
अश्क ए अज़ा
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अल’अतश की थीं सदाएं प न पानी पहुंचा
सब्र वो देखा कि ख़ुद रह गया प्यासा पानी
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कहीं जो प्यास से बच्चा कोई तड़पता हो 
तसल्ली हो उसे तश्ना दहां की बात करें
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अल्लह के क़ुर्ब की है तमन्ना तुम्हें अगर
किरदार हो रसूल के अनसार की तरह
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नहीं ज़माने में ऐसा जरी कोई देखा
वफ़ाएं जिस की वफ़ा को सलाम करती हैं
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इस तरफ़ सिर्फ़ बहत्तर थे ,उधर थे लाखों
इस तरफ़ शेर अकेला उधर असवार बहुत
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न इज़न ए जंग मिला ,फिर भी जंग जीत लिया
’शेफ़ा’ ये मा’रेका अब्बास की शजा’अत है
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17 टिप्‍पणियां:

  1. अल’अतश की थीं सदाएं प न पहुंचा पानी
    सब्र वो देखा कि ख़ुद रह गया प्यासा पानी
    प्यास की शिद्दत को कितनी खूबसूरती से पेश किया है...वाह


    अल्लाह के क़ुर्ब की है तमन्ना तुम्हें अगर
    किरदार हो रसूल के अनसार की तरह
    आमीन

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  2. बहुत सुंदर ओर गहरी शायरी, धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  3. इस तरफ़ सिर्फ़ बहत्तर थे ,उधर थे लाखों
    इस तरफ़ शेर अकेला उधर असवार बहुत
    **********************************
    लाजवाब।

    जवाब देंहटाएं
  4. नहीं ज़माने में ऐसा जरी कोई देखा
    वफ़ाएं जिस की वफ़ा को सलाम करती हैं

    खूब ... कमाल के शेर साझा किया हैं आपने....

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  5. इस तरफ़ सिर्फ़ बहत्तर थे ,उधर थे लाखों
    इस तरफ़ शेर अकेला उधर असवार बहुत

    बहुत सुन्दर...लाज़वाब

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  6. आपका लेखन सार्थक है.साधुवाद एवं शुभकामनाओं सहित

    जवाब देंहटाएं
  7. अल्लह के क़ुर्ब की है तमन्ना तुम्हें अगर
    किरदार हो रसूल के अनसार की तरह.

    .
    कहना आसान , करना मुश्किल लेकिन है बात हक

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  8. पांच लाख से भी जियादा लोग फायदा उठा चुके हैं
    प्यारे मालिक के ये दो नाम हैं जो कोई भी इनको सच्चे दिल से 100 बार पढेगा।
    मालिक उसको हर परेशानी से छुटकारा देगा और अपना सच्चा रास्ता
    दिखा कर रहेगा। वो दो नाम यह हैं।
    या हादी
    (ऐ सच्चा रास्ता दिखाने वाले)

    या रहीम
    (ऐ हर परेशानी में दया करने वाले)

    आइये हमारे ब्लॉग पर और पढ़िए एक छोटी सी पुस्तक
    {आप की अमानत आपकी सेवा में}
    इस पुस्तक को पढ़ कर
    पांच लाख से भी जियादा लोग
    फायदा उठा चुके हैं ब्लॉग का पता है aapkiamanat.blogspotcom

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  9. नहीं ज़माने में ऐसा जरी कोई देखा
    वफ़ाएं जिस की वफ़ा को सलाम करती हैं
    इस्मत, सेरात-ए-मुस्तक़ीम इबादतगाह की तरह है. यहां आ के केवल इबादत कर सकती हूं, आह या वाह नहीं.

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  10. नहीं ज़माने में ऐसा जरी कोई देखा
    वफ़ाएं जिस की वफ़ा को सलाम करती हैं
    वह क्या बात है,
    -ज्ञानचंद मर्मज्ञ

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  11. saare ke saare sher bohot bohot hi khoobsurat hain.....bohot khoob ismat ji, bohot accha laga aapko padhkar

    जवाब देंहटाएं
  12. Merry Christmas
    hope this christmas will bring happiness for you and your family.
    Lyrics Mantra

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  13. Ismat ji
    bahut bahut hi shandaar gazal
    halanki bahut se shabd samajh me nahi aaye.
    fir bhi pura padhne par aur kuchh tippniyan padhkar arth samajh me aa gaya bahut hi imandaari se ise apni kamjori kahun ya urdu bhasha ka adhura gyan swikar karti hun.
    jo puri tarah se khud samajh paai vo aapki yah chand panktiyan hain----

    नहीं ज़माने में ऐसा जरी कोई देखा
    वफ़ाएं जिस की वफ़ा को सलाम करती हैं
    ***********************************
    इस तरफ़ सिर्फ़ बहत्तर थे ,उधर थे लाखों
    इस तरफ़ शेर अकेला उधर असवार बहुत
    **********************************
    न इज़न ए जंग मिला ,फिर भी जंग जीत लिया
    ’शेफ़ा’ ये मा’रेका अब्बास की शजा’अत है
    jo ki bhaut hi achhi lagin.
    badhai
    poonam

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  14. आपके जीवन में बारबार खुशियों का भानु उदय हो ।
    नववर्ष 2011 बन्धुवर, ऐसा मंगलमय हो ।
    very very happy NEW YEAR 2011
    आपको नववर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनायें |
    satguru-satykikhoj.blogspot.com

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