मन्क़बत
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वली अल्लाह ने जंगों में गर तेवर दिखाए हैं
तो मज़दूरी भी की ,तालीम दी और दिल मिलाए हैं
मिली भूके को रोटी और यतीमों को मिली ढारस
कि बंदों के सभी ग़म ले के मौला मुस्कराए हैं
वो नाबीना जो इक उम्मीद में हर वक़्त रहता था
तो नासिर बन के हैदर नुसरत ए लाग़र को आए हैं
अली ए मुरतज़ा की बादशाहत किस तरह की थी
कभी फ़ाक़ा,कभी रोज़ा,निवाले सूखे खाए हैं
ख़तीब ए वक़्त भी, मुश्किल कुशा भी रहनुमा भी हैं
हर इक हाजत रवा करने मदद को आप आए हैं
कहां इन्कार करना है ,कहां इक़रार करना है
इमामत ने हमें ये राज़ ए दुनिया भी बताए हैं
दम ए नज़’अ भी क़ातिल की बंधी मुश्कों को खुलवाकर
अली ने रह्म और इंसाफ़ के नुसख़े बताए हैं
हर इक हाजत रवा करने मदद को आप आए हैं
कहां इन्कार करना है ,कहां इक़रार करना है
इमामत ने हमें ये राज़ ए दुनिया भी बताए हैं
दम ए नज़’अ भी क़ातिल की बंधी मुश्कों को खुलवाकर
अली ने रह्म और इंसाफ़ के नुसख़े बताए हैं
विलादत मौला अली (अ .स )मुबारक आप सब को. बेहतरीन कलाम.
जवाब देंहटाएंकहां इन्कार करना है ,कहां इक़रार करना है
जवाब देंहटाएंइमामत ने हमें ये राज़ ए दुनिया भी बताए हैं
Hamesha ki tarah ...niyahat achhee rachna!
शुभान अल्लाह..बहुत खूब.
जवाब देंहटाएंकहां इन्कार करना है ,कहां इक़रार करना है
जवाब देंहटाएंइमामत ने हमें ये राज़ ए दुनिया भी बताए हैं
आज बहुत मुबारक मौके पर इस पाक "मन्क़बत" को पढना कितना सुकून दे गया, क्या कहूं?
बहुत-बहुत बधाइयां.
kya baat hai!
जवाब देंहटाएंplz laod on
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bahut acchha kaalaam. mubarakbaad
जवाब देंहटाएंवली अल्लाह ने जंगों में गर तेवर दिखाए हैं
जवाब देंहटाएंतो मज़दूरी भी की ,तालीम दी और दिल मिलाए हैं
Beautiful creation..
वाह मजा आ गया इतनी बढ़िया गज़ल पढ़ कर..इतनी गूढ़ उर्दू...सच में उर्दू एक प्यारी जुबान है..
जवाब देंहटाएंकहां इन्कार करना है ,कहां इक़रार करना है
जवाब देंहटाएंइमामत ने हमें ये राज़ ए दुनिया भी बताए हैं
khoobsurat kaalaam
वली अल्लाह ने जंगों में गर तेवर दिखाए हैं
जवाब देंहटाएंतो मज़दूरी भी की ,तालीम दी और दिल मिलाए हैं
वाह बहुत सुन्दर । आभार।
कि बंदों के सभी ग़म ले के मौला मुस्कराए हैं
जवाब देंहटाएंwaah!!!
regards,